Tell me top 50 jokes in Hindi to share with my friends and family to humor them


मास्टर जी – सबसे ज्यादा नशा किसमें होता है?
चिंटू – किताब में।
मास्टर जी – कैसे?
चिंटू – क्योंकि किताब खोलते ही नींद आ जाती है।
चिंटू और पप्पू आपस में बातें कर रहे थे।
चिंटू – क्या तुम चीनी भाषा पढ़ कर सुना सकते हो?
पप्पू – हां, लेकिन तभी जब वह हिंदी या अंग्रेजी में लिखी हुई हो।
चिंटू – पप्पू, जरा अपनी साइकिल आज मुझे देना।
पप्पू – नहीं।
चिंटू – अगर मुझे साइकिल नहीं दोगे, तो मेरा दिल खट्टा हो जाएगा।
पप्पू ने झट से बोला – तो चीनी खा लेना।
पापा – चिंटू, आज तुम स्कूल क्यों नहीं जा रहे हो?
चिंटू – पापा, कल स्कूल में हमें तौला गया था और क्या पता आज बेच ही न दें।

मास्टर जी – बताओ, कुतुब मीनार कहां है?
चिंटू – पता नहीं।
मास्टर जी – फिर बेंच पर खड़े हो जाओ।
चिंटू बेंच पर खड़ा हो जाता है और कुछ देर बाद कहता है, मास्टर जी यहां से भी नहीं दिख रहा है।
मास्टर जी – एक तरफ पैसा और दूसरी तरफ अक्ल… बताओ चिंटू तुम क्या चुनोगे?
चिंटू – पैसा
मास्टर जी – गलत, मैं तो अक्ल चुनता।
चिंटू – आपकी बात भी सही है, क्योंकि जिसके पास जो चीज नहीं होगी, वो वही चुनेगा।
मास्टर जी – चिंटू, बताओ बिल्ली पूंछ क्यों हिलाती है?
चिंटू – क्योंकि, पूंछ बिल्ली की है।
मास्टर जी – चिंटू, अपने पापा का नाम अंग्रेजी में बताओ
चिंटू – ब्यूटिफुल रेड अंडरवियर
मास्टर जी – नालायक हिंदी में बताओ
चिंटू – सुंदर लाल चड्ढा
मास्टर जी – बच्चों, इतिहास से हमें पता चलता है कि हमारे पूर्वज बन्दर थे
तभी चिंटू का जाट मित्र गुस्से में लाल होते हुए, थारे होंगे, मारे तो चौधरी थे
चिंटू ने पापा को अपना रिजल्ट दिखाते हुए कहा – पापा आप बहुत किस्मत वाले हैं
पापा – वो कैसे?
चिंटू – क्योंकि, मैं फेल हो गया हूं। अब आपको मेरे लिए नई किताबें नहीं खरीदनी पड़ेंगीं। हा..हा..हा..
अध्यापक ने पढ़ाते हुए प्रश्न पूछा – कौन-सा हाथ लिखने के लिए सबसे अच्छा होता है?
एक छात्र ने उत्तर दिया – कोई सा भी नहीं, क्योंकि हम पेन से लिखते हैं।
अध्यापक – बच्चों बताओ, गणित की किताब देखकर अक्सर सब लोग मायूस क्यों हो जाते हैं?
छात्र – क्योंकि, इसमें किसी भी सवाल का हल नहीं होता है।
एक व्यक्ति ने चिंटू से पूछा – सैमसंग फोन की दुकानों के बाहर काम करने वाले गार्ड को क्या कह कर बुलाते हैं?
चिंटू ने जवाब दिया – गार्डियंस ऑफ द गैलेक्सी
पापा ने चिंटू को डांटते हुए कहा – तुम्हें पुदीना लाने के लिए कहा था, तुम धनिया क्यों ले आये हो। तुम जैसे बेवकूफ को तो घर से निकाल देना चाहिए।
चिंटू – पापा चलो हम दोनों ही घर से निकल जाते हैं, क्योंकि मम्मी कह रही थी यह मेथी है।
चिंटू – पापा, ये पुलिस लाठी चार्ज करते समय कौन से चार्जर से लाठी चार्ज करती है? इस सवाल के बाद से घर में सन्नाटा छाया हुआ है।

मास्टर जी- “खुशी का ठिकाना न रहा” कोई इस मुहावरे का अर्थ बताओ?
चिंटू – खुशी घर वालों से छिपकर, हर रोज अपने दोस्त से मिलने जाती थी।
फिर एक दिन उसके पापा ने उसे देख लिया और खुशी को घर से निकाल दिया।
अब बेचारी “खुशी का ठिकाना न रहा”।
यह जवाब सुनकर मास्टर जी अभी तक बेहोश ही हैं।
मास्टर जी – खाना खाने से पहले सभी बच्चों को अपने हाथ धोने चाहिए।
चिंटू – लेकिन, मैं तो खाना खाने के बाद हाथ धोता हूं।
मास्टर जी- ऐसा क्यों?
चिंटू – ताकि मोबाइल पर दाग न पड़ जाए।
मास्टर जी- बताओ, ताजमहल किसने बनाया था?
चिंटू – मिस्त्री ने।
मास्टर जी – अरे बेवकूफ किसने बनवाया था?
चिंटू – तो फिर ठेकेदार ने बनवाया होगा।
पापा – मेरा बेटा मुझे ज्यादा प्यार करता है।
मम्मी – नहीं, मेरा बेटा मुझे ज्यादा प्यार करता है।
पापा – अच्छा..चलो बेटे को चुपके से कंकड़ मारते हैं, वो डरकर जिसका नाम लेगा उसी से वह ज्यादा प्यार करता है।
मम्मी – ठीक है।
उन्होंने जैसे ही चिंटू को पत्थर मारा चिंटू चिल्लाते हुए बोला – कौन है बेवकूफ, बाहर आ तेरी खबर लेता हूं।


मास्टर जी – चम्पा तुम कल स्कूल क्यों नहीं आई थी?
चम्पा – सर मैं सपने में जापान गई थी।
मास्टर जी- चिंटू तुम कल कहां थे?
चिंटू – सर मैं चम्पा को सपने में एयरपोर्ट तक छोड़ने गया था।
पापा – चिंटू, दादी को जन्मदिन पर क्या गिफ्ट दोगे?
चिंटू – मैं तो दादी को फुटबॉल दूंगा।
पापा – लेकिन, दादी इस उम्र में फुटबॉल का क्या करेंगीं?
चिंटू – उन्होंने भी तो मेरे जन्मदिन पर मुझे भगवत गीता दी थी।
चिंटू – मैं कल से स्कूल नहीं जांऊगा, मास्टर जी को कुछ आता ही नहीं है।
पापा – क्यों, ऐसा क्या हो गया?
चिंटू – वो सारे सवालों के जवाब मुझसे ही पूछते हैं।
चिंटू भागते-भागते घर में आया और पापा-मम्मी से कहने लगा कि जल्दी से तैयार हो जाओ सब।
पापा-मम्मी – क्यों?
चिंटू – अरे, मुझे लड़की वाले देखने के लिए घर में आ रहे हैं।
पापा – ये तुमसे किसने कहा?
चिंटू – अरे, मैं अभी पड़ोस की प्रिया को परेशान कर रहा था, तो उसके पापा बोले कि हम देख लेंगे तुझे।
मम्मी – नया घर बनने में अभी 6 महीने और लगेंगे।
पापा – अरे नहीं, मैं चार आदमी और लगा दूंगा, तो घर जल्दी बन जायेगा।
तभी चिंटू अचानक कुछ सोचते हुए गंभीर होकर पूछता है, अच्छा मम्मी मैं कितने दिनों में पैदा हुआ था?
मम्मी – 9 महीने में, क्यों?
चिंटू – अरे, तो चार आदमी और लगा लेती न, तो मैं जल्दी से पैदा हो जाता।
उसके बाद से पापा-मम्मी मिलकर चिंटू को ढूंढ रहे हैं।
स्कूल से घर आने पर चिंटू काफी उत्साहित था। उसने पापा से पूछा, “मैं पूरी क्लास में सबसे बड़ा हूं, तो क्या मुझे भी जादू मिलेगा कभी?
पापा – नालायक, क्योंकि तू 17 साल का हो गया और अभी भी पांचवीं में ही पढ़ रहा है।
भिखारी – भगवान के नाम पर कुछ दे दो बाबा।
चिंटू – मैं बाबा नहीं चिंटू हूं।
भिखारी – भगवान के नाम पर कुछ दे दो चिंटू।
चिंटू – हां, अब हुई न कुछ बात। बाबा आप कल आना आज घर में कोई नहीं है।
भिखारी बेहोश…
दो चूहे मिलकर जंगल में शिकार करने के लिए गए।
पहला चूहा – मैं पेड़ पर चढ़ जाता हूं। कोई आएगा तो ऊपर से जाल उसके ऊपर फेंक दूंगा।
दूसरा चूहा – मैं झाड़ी के पीछे छिप जाता हूं। कोई आएगा, तो पीछे से उसे पकड़ लूंगा।
फिर दोनों अपनी-अपनी जगह पर छिप गए।
तभी हाथी वहां पर आया।
पहला चूहा हाथी के ऊपर कूद गया।
दूसरा चूहा चिल्लाते हुए – दबा के रख उसे, मैं भी आ रहा हूं।
मास्टर जी चिंटू की शिकायत लेकर घर पहुंचे।
मास्टर जी – चिंटू तुम्हारे दादाजी कहां पर हैं?
चिंटू – दादाजी तो 10 दिन पहले चल बसे।
मास्टर जी – अरे, कैसे?
चिंटू – वो योगासन कर रहे थे…
मास्टर जी – भला योग करने से कैसे कोई मर सकता है?
चिंटू – टीवी में बाबा रामदेव ने बोला कि सांस अंदर लो और जब मैं कहूं तभी सांस छोड़ना और तभी लाइट चली गई। 3 घंटे बाद आई, तब तक दादाजी चल बस थे।
मास्टर जी कक्षा में बच्चों को बम से बचने का तरीका सिखा रहे थे।
मास्टर जी – बच्चों, बताओ अगर स्कूल के सामने बम रखा है, तो क्या करेंगे?
चिंटू – एकात घंटे देखेंगे, फिर….
मास्टर जी – फिर क्या?
चिंटू – फिर कोई ले जाता है तो ठीक है, नहीं तो उसे स्टाफ रूम में रख देंगे।
चिंटू पट्टियों में लिपटा हुआ था। उसे देखकर पप्पू ने पूछा, “क्या हुआ दोस्त?”
चिंटू – क्या बताऊं, मुझे यार 20 लोगों ने मिलकर मारा है।
पप्पू – तो फिर तूने क्या किया?
चिंटू – करना क्या था मैंने उनसे कहा – हिम्मत है तो एक बार में एक ही आओ…
पप्पू – फिर?
चिंटू – फिर वो लोग एक-एक करके आए और मुझे मारकर चले गए।
चिंटू – मास्टर जी, मैंने एक ऐसी चीज बनाई है, जिससे हम दीवार के आर-पार देख सकते हैं।
मास्टर जी – वाह! वो क्या चीज है?
चिंटू – मास्टर जी, छेद।
फिर मास्टर जी ने चिंटू को पूरे दिन मुर्गा बनाकर रखा।

चिंटू – भैयाजी 10 समोसे देना।
समोसे वाला – पैक करके देना है?
चिंटू – नहीं, मैं पेन ड्राइव लाया हूं। उसमें समोसे नाम का फोल्डर बनाओ और डाल दो।
चिंटू – मैडम, अगर आपका आशीर्वाद मिले, तो मैं अच्छे नंबर से पास हो जाऊंगा।
मैडम – हां, पर साथ ही तुम्हें तैयारी भी ठीक से करनी होगी।
चिंटू – तैयारी ही करना होता, तो आपका आशीर्वाद मांगने क्यों आता?
मेहमान – और बताओ चिंटू बेटा, आगे क्या सोचा है?
चिंटू – बस अंकल, आपके जाते ही बिस्कुट खाऊंगा मैं। अब नमकीन तो आप ही सारी खा गए हैं।
चिंटू स्टेशनरी दुकान में जाकर कहता है, “अंकल प्रिंटर के लिए पेपर देना।”
दुकानदार – A4?
चिंटू – एप्पल! अब जल्दी से पेपर दे दो अंकल।
मास्टर जी – चिंटू तुम पढ़ने में ध्यान क्यों नहीं लगाते?
चिंटू – क्योंकि, पढ़ाई सिर्फ दो वजह से की जाती है। पहला डर और दूसरा शौक।
बिना वजह के शौक मैं पालता नहीं और डरता तो मैं अपने बाप से भी नहीं।
उस दिन चिंटू स्कूल और घर दोनों ही जगह खूब पीटा।
चिंटू – मास्टर जी, लोग हिंदी या इंग्लिश में ही क्यों बात करते हैं? गणित में बात क्यों नहीं करते?
मास्टर जी – ज्यादा 3-5 मत करो। मार-मार कर 9-2…11 कर दूंगा और 32 के 32 बाहर निकल आएंगे।
चिंटू – ठीक है सर अब समझ गया मैं। आज से मैं भी सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी में ही बात करूंगा।
मास्टर जी – कौन-सा पक्षी है, जो पंख होने पर भी नहीं उड़ सकता है?
चिंटू – मास्टर जी. मरा हुआ पक्षी।
पापा को चिंटू के बेड पर एक लेटर मिला।
पापा उसे पढ़ने लगे। उसमें लिखा था…
“पिताजी, मैं घर छोड़ कर जा रहा हूं। सामने टेबल पर मेरा रिजल्ट रखा हुआ है..हो सके तो मुझे माफ कर देना।”
पापा ने रिजल्ट देखा और कम नंबर देखते ही समझ गए कि खराब मार्क्स की वजह से ही वो घर छोड़कर चला गया है।
इसके बाद पाप रोते हुए कहने लगे, बेटा वापस आ जा हमें नंबर नहीं तू चाहिए।
तना सुनते ही पलंग के नीचे छिपा चिंटू बाहर आ गया।
फिर पापा ने मम्मी के साथ मिलकर चिंटू की पिटाई की।
मास्टर जी – चिंटू, ‘Kabutar’ पर वाक्य बना कर सुनाओ।
चिंटू – पता ही नहीं चलता…शाम को पी हुई सुबह ‘kab utar’ जाती है।
अब मास्टर जी ने चिंटू के लिए पेरेंट्स मीटिंग बुलाई है।
चिंटू ने मम्मी से पूछा – आपको कैसे पता चला कि मैं आपके पेट में था?
मम्मी – मेरा टेस्ट हुआ था।
चिंटू – अच्छा, तो क्या आप पास हो गए थे उसमें?
मम्मी – चिंटू, आज का पेपर मुश्किल था क्या?
चिंटू – नहीं, सवाल तो आसान थे, लेकिन उनके जवाब मुश्किल थे।
पापा – चिंटू, रिजल्ट कैसा रहा तुम्हारा?
चिंटू – पापा, हमारे प्रिंसिपल का बेटा ही फेल हो गया है।
पापा – और तुम?
चिंटू – डॉक्टर अंकल का बेटा भी फेल हो गया।
पापा – हां, तो ठीक है। तुम अपना बताओ…
चिंटू – तो आप कौन-से प्रधानमंत्री हैं, जो आपका बेटा पास हो जायेगा।
तब से दो दिन तक पापा ने चिंटू को खाना नहीं दिखाया।
मास्टर जी – चिंटू, स्वर और व्यंजन में क्या फर्क है?
चिंटू – मास्टर जी, स्वर मुंह से बाहर निकलते हैं और व्यंजन मुंह के अंदर जाते हैं।
चिंटू – मम्मी दस रुपये चाहिए गरीब को देने हैं।
मम्मी – कहां है गरीब?
चिंटू – बाहर कड़ी धूप में आइसक्रीम बेच रहा है।
मास्टर जी – चिंटू, 15 फलों के नाम बताओ।
चिंटू – आम, केला, अमरूद और एक दर्जन केले।
चिंटू – पापा क्या आपको अंधेरे से डर लगता है?
पापा – नहीं
चिंटू – शेर से लगता है?
पापा – नहीं
चिंटू – तो बिजली से?
पापा – नहीं
चिंटू – तो आपके लिए पूरी दुनिया में सिर्फ मम्मी ही सबसे ज्यादा डरावनी हैं?
मास्टर जी – चिंटू बताओ, भगवान कहां रहते हैं?
चिंटू – हमारे घर के बाथरूम में।
मास्टर जी – ये तुम्हें कैसे पता?
चिंटू – क्योंकि, मेरे पापा हर रोज सुबह रोज नहाने जाते हैं, तो कहते हैं – हे भगवान, तुम अभी तक अंदर ही हो।
मास्टर जी ने चिंटू का टिफिन खा लिया।
मास्टर जी – चिंटू, घर जाकर क्या कहोगे?
चिंटू – यही कि एक जानवर ने मेरा टिफिन खा लिया।
मास्टर जी – चिंटू बताओ, बिजली कहां से आती है?
चिंटू – मामा के घर से।
मास्टर – वो कैसे?
चिंटू – जब भी बिजली जाती है, तो पापा कहते हैं – सालों ने फिर से बिजली काट दी।
पापा – यूं ही चिंटू को समझा रहे थे कि जुआ खेलना बुरा होता है। इसमें आज जीतोगे तो कल हारोगे और परसो जीतोगे, तो उसके अगले दिन हार जाओगे।
बड़े ध्यान से सबकुछ सुनने के बाद चिंटू ने कहा, “ठीक है पापा, मैं समझ गया कि जुआ एक दिन छोड़कर खेलना चाहिए।
एक तोता कार से टकरा गया, तो उसे कार वाले ने घर में लाकर एक पिंजरे में डाल दिया।
जब तोते को होश आया, तो वो चिल्ला कर बोला – आईला! जेल..इसका मतलब वो कार वाला मर गया…
चिंटू – मम्मी, तुमने कहा था न गुड़िया पिंकी परी है? परियों के पंख होते हैं और वो उड़ सकती हैं?
मम्मी – हां, कहा था। तुम क्यों पूछ रहे हो ये सब?
चिंटू – फिर जब मैंने उस पिंकी नाम की गुड़िया को छत से नीचे फेंका तो वो उड़ी क्यों नहीं?
बस में मम्मी ने चिंटू को डांटते हुए कहा – चुपचाप बैठ जाओ। शरारत की, तो मारूंगी।
चिंटू – आपने मुझे मारा, तो मैं टीटी अंकल को अपनी उम्र बता दूंगा।
चिंटू – मम्मी क्या मैं भगवान की तरह दिखता हूं?
मम्मी – नहीं, पर तुम क्यों पूछ रहे हो।
चिंटू – क्योंकि मैं जब भी कहीं जाता हूं, तो सब मुझे देखकर कहते हैं कि हे भगवान फिर आ गए तुम।
चिंटू – डॉक्टर अंकल, कल आप हमारे यहां दावत में क्यों नहीं आए थे?
डॉक्टर – क्योंकि, अगर मैं दावत खाने जाता तो दावत खाकर लौटने वाले मरीजों को कौन देखता?
कसाई बकरे को लेकर काटने जा रहा था बकरा चिल्ला रहा था। तभी चिंटू ने पूछा – बकरा क्यों चिल्ला रहा है?
कसाई – क्योंकि, मैं इसे काटने ले जा रहा हूं।
चिंटू – अच्छा फिर ठीक है..मुझे लगा आप इसे स्कूल ले जा रहे हैं।
किसी पहलवान ने चिंटू को थप्पड़ मार दिया।
चिंटू – यह थप्पड़ गुस्से में मार दिया या मजाक-मजाक में?
पहलवान – गुस्से में मारा है।
चिंटू – फिर ठीक है, क्योंकि मजाक मुझे पसंद नहीं है।
चिंटू एक शादी में गया। वहां पंडित जी ने दूल्हे का हाथ दुल्हन के हाथ में थमा दिया। चिंटू ने यह सब देख कर पापा से पूछा – दूल्हा और दुल्हन आपस में हाथ क्यों मिला रहे हैं?
पापा – बेटा, पहलवान अखाड़े में उतरने से पहले हाथ जरूर मिलाते हैं?
चिंटू – मैंने आपकी लिखी किताब पढ़ी है। आप बिलकुल अकबर बादशाह की तरह लिखते हैं।
आदमी – लेकिन अकबर बादशाह लिखना ही नहीं जानते थे।
चिंटू – तभी तो मैंने यह कहा है।
पापा – चिंटू, शायद तुमने मेरे ब्रश से अपने दांत साफ किए हैं? तभी इससे इतनी बदबू आ रही है।
चिंटू – नहीं…! इससे तो मैंने हमारी बिल्ली के दांत साफ किए थे।
मां – चिंटू! लैंप जला दो।
कुछ देर बाद भी जब चिंटू ने लैंप नहीं जलाया, तो मां ने फिर से पूछा – लैंप कहां है?
चिंटू – मां आपने जब कहा था, मैंने तभी लैंप को चूल्हे में जला दिया था।
चिंटू अपने दोस्त से – इतवार के दिन काम करने वालों को स्वर्ग नहीं मिलता।
दोस्त – अरे, पुलिस वाले भी तो इतवार को काम करते हैं। क्या वो स्वर्ग नहीं जाते फिर?
चिंटू – नहीं, क्योंकि वहां पुलिस की जरूरत नहीं होती।
पापा – चिंटू, कभी बैठकर पढ़ भी लिया करो। पूरा दिन घूमते हो या टीवी देखते हो। मैं तुम्हारी उम्र का था तो मेरे पापा ने मुझे सख्त अनुशासन में रखा था।
चिंटू – आपके पापा पुराने ख्याल के रहे होंगे।
पापा – हां, पर फिर भी, वो तुम्हारे बाप से हजार गुना अच्छे थे।
शर्मा अंकल ने चिंटू को फुसलाते हुए कहा – तुम्हारे बाल बहुत सुन्दर हैं। ये तुम्हें मम्मी से मिले हैं या फिर पापा से?
चिंटू ने सोचते हुए कहा – शायद पापा से।
शर्मा अंकल – अच्छा वो कैसे?
चिंटू – क्योंकि, पापा के सर के सारे बाल गायब हैं न।
चिंटू ने अंग्रेजी बोलने की नई ट्यूशन शुरू की थी।
मास्टर जी – चिंटू, कल तुम पढ़ने क्यों नहीं आए थे?
चिंटू – वो कल हमारे यहां मंदिर में ब्युटीफुल ट्रेजेडी थी न, इसलिए नहीं आया था।
मास्टर जी – ब्युटीफुल ट्रेजेडी क्या है?
चिंटू – सर जी, सुन्दर काण्ड…आपको इतनी भी अंग्रेजी नहीं आती क्या?
टीवी पर आने वाले विज्ञापनों की मम्मी कितनी अच्छी होती हैं। बच्चे कपड़े गंदे करके आए तो भी वो हंसते हुए धो देती हैं।
बचपन में जब हम कपड़े गंदे करते थे, तो पहले हम धुलते थे और बाद में कपड़े।
मम्मी ने पिंकी को डांटते हुए कहा – दूध क्यों उबल जाता है, पानी क्यों बह जाता है और सब्जी क्यों जल जाती है?
पिंकी – व्हाट्सएप पर रिप्लाई करने के चक्कर में।
चिंटू – पप्पू, चलो कहीं घूमने जाते हैं, जहां जाने के लिए लोग मरते हैं।
पप्पू – ठीक है शाम तक बताता हूं।
शाम होते ही पप्पू चिंटू को श्मशान घाट लेकर गया।
चिंटू गुस्से से – श्मशान भी कोई घूमने की जगह है क्या?
पप्पू – अरे पगले, तुम्हीं ने तो कहा था ऐसी जगह चलो, तो यही वो जगह है जहां आने के लिए लोग मरते हैं।
रात में चिंटू को एक मच्छर ने काट लिया।
चिंटू गुस्से में रात भर मच्छर मारने के लिए उसके पीछे चप्पल लेकर भागता रहा। ऐसा करते करते-करते सुबह हो गई। फिर भी उसे मार नहीं पाया।
चिंटू – चलो कोई बात नहीं, इसे मार तो नहीं पाया, लेकिन शुक्र है कि मैंने इसे रात भर सोने नहीं दिया।
चिंटू ने जॉब के पहले दिन कंप्यूटर पर 11 घंटे काम किए।
बॉस (खुशी से) – वाह, पहला ही दिन और इतनी मेहनत। क्या-क्या काम किया आज बताओ?
चिंटू – पता नहीं कहां से खरीद लिया आपने ये कीबोर्ड। इसमें ABCD आगे पीछे थे, तो वो सब सही किया है आज।
मम्मी – चिंटू, तुम बहुत शरारती हो। बंदर जैसी हरकत करते-करते देखने में भी बंदर जैसे लगने लगे हो।
चिंटू – लेकिन मम्मी, पड़ोस वाली आंटी तो कहती हैं कि तुम बिलकुल अपने पापा की तरह दिखते हो।
चिंटू स्कूल से घर आया काफी गुस्से में था।
मम्मी – क्या हुआ?
चिंटू – पहले गणित की परीक्षा, फिर अंग्रेजी में निबंध और फिर टिफिन में कद्दू की सब्जी।
चिंटू रो रहा था। पापा ने रोने का कारण पूछा, तो उसने कहा दस रुपये दोगे, तो बताऊंगा।
पापा ने चिंटू को दस रुपये दे दिए और कहा – अब बताओ।
चिंटू ने झट से जवाब दिया – मम्मी यही 10 रुपये नहीं दे रही थीं, इसलिए रो रहा था।
पापा – चिंटू, जब मैं तुम्हारी उम्र का था तो कभी झूठ नहीं बोलता था।
चिंटू – तो फिर आपने किस उम्र में झूठ बोलना शुरू किया?
चिंटू – मम्मी, आज मैंने एक लड़के को खूब मारा है।
मम्मी – क्यों?
चिंटू – उसने मेरा पेन चुरा लिया था और मांगने पर भी नहीं दे रहा था।
मम्मी – लेकिन, तुम तो अपना पेन आज घर ही भूल गए थे।
चिंटू – मम्मी, आपके लिए मेरी क्या कीमत है?
मम्मी – अरे, तुम तो करोड़ों से भी कीमती हो।
चिंटू – तो फिर उन करोड़ रुपये में से मुझे 10 रुपये दे दो आइसक्रीम खानी है।
एक बार किसी ने चिंटू को गहरे रंग वाला कहकर बुला दिया।
तबसे उसे गोरे होने वाली क्रीम खरीदने का भूत चढ़ गया।
वह एक दुकान में गया और गोरे होने वाली क्रीम मांगने लगा।
दुकानदार – गोरा करने वाली क्रीम नहीं है।
चिंटू – तो एक काम करो, जूता पॉलिश वाली क्रीम ही दे दो। कम से कम चेहरा पर ग्लो तो रहेगा।
मास्टर जी – चिंटू, अंग्रेजी में उस फूल का नाम बताओ जो सबसे ज्यादा बात करती हो?
चिंटू ने झट से जवाब दिया दिया – Tulips
मास्टर जी – वो कैसे?
चिंटू – क्योंकि, उसके टू लिप्स हैं।
चिंटू ने नई-नई साइकिल चलानी सीखी थी। साइकिल चलाते हुए उसने पप्पू से कहा – देखो मैं आंखें बंद करके भी साइकिल चला लेता हूं।
इतना कहते ही चिंटू साइकिल से गिर गया।
पप्पू उसके पास गया और बोला – चिंटू देख, झूठ बोलने का ऐसा ही नतीजा होता है और अब तो तेरे दांत भी नहीं रहे।

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