Today Shayari 12th dec.2019

 

अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।


लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे,
पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,
और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।
Today shayari

 


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फूलों की वादियों में हो बसेरा तेरा,
सितारों के आँगन में हो घर तेरा,
दुआ है एक दोस्त की एक दोस्त को,
कि तुझसे भी खूबसूरत हो सवेरा तेरा..


सूरज, सितारे , चाँद मेरे साथ में रहे ,
जब तक तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में रहे,
शाखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहे..

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