सूजी” वायरस – उत्पत्ति, लक्षण, निदान

*सूजी वायरस की उत्पत्ति भारत मे हुई है।
* लॉकडाउन काल मे बिलावजह घर से बाहर जाने वालों में फैलता है।
* पुलिस के डंडो के संपर्क में आने से फैलता है।
* दो पहिया वाहन वालो को जल्दी चपेट में लेता है।
* कमर और नितंबों पर लाल चकते के निशान हो जाते है।
* वायरस की चपेट में आने वाला एक पखवाड़े तक सीधा बैठ नही पाता।
* पीड़ित व्यक्ति कई दिनों तक कुलबुलाता रहता है।
* रोगी को सपने में “सटाक” ” सटाक” की आवाजें सुनाई देती है।
* रोगी को लकड़ी और लकड़ी से बने फर्नीचर से घिन आने लगती है।
* सभी प्रकार के तेलीय पदार्थो का लेपन और सेवन लाभकारी है।
* सूजी वायरस से रोने वाले को कोरोना नही होता।
* पंखा चला कर पेट के बल लेटने से आराम मिलता है।
* सूजी के आटे का नाम सुन कर भी रोगी बेहोश हो जाता है।
* रोगों एकांतवासी और असामाजिक हो जाता है

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