‘Bhar Do Jholi Meri’ Lyrics – Adnan Sami | Bajrangi Bhaijan

तेरे दरबार में
दिल थाम के वो आता
जिसको तू हे नबी तू बुलाता
तेरे दर पे सर
मैं भी आया
जिसकी बिगड़ी हाए नबी तू चाहे बनता

भर दो झोली मेरी या
लौट कर मई ना जवँगा खाली

बंद दीडों में भर डाले
सील दिए मैने दर्डो को दिल में

जब तलाक़ तूह बना दे ना तू
दर से तेरे ना जाए

भर दो झोली मेरी या
लौट कर मई ना जवँगा

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भर दो झोली आका
भर दो झोली हम सब
भर दो झोली नबी
भर दो झोली मेरी
लौट कर मैं ना जवँगा

खोजते खोजते तुझको
क्या से या नबी हो गया

बेख़बर फिर रहा
मैं यहाँ से वहाँ हो गया हूँ

दे दे या नबी मेरे दिल को
आया हूँ डोर से मई होके रुहासा

कर दे करम मुझपे भी ज़रा
जब तलाक़ तू जब तलाक़
पनाह दे ना दिल
दर से तेरे ना जाए

भर दो झोली मेरी या
लौट कर मई ना जवँगा

भर दो झोली मेरी
लौट कर मैं ना जवँगा

भर दो झोली मेरी या
लौट कर मैं ना जवँगा

जानता है ना तू क्या है दिल में
बिीन सुने गिन रहा है ना तूह धड़कने

आ निकली है तो चाँद तक
तेरे तारों से मेरी दुआ आएगी

आए नबी हन कभी तो सुबह
जब तलाक़ तू सुनेगा ना दिल
दर से तेरे ना जाए

भर दो झोली मेरी या
लौट कर मैं ना जवँगा

दे तरस खा तरस मुझपे
एब्ब लगा ले तूह मुझको भी दिल से

जब तलाक़ तू मिला दे ना
दर्र से तेरे ना जाए
भर दो झोली मेरी या
लौट कर मई ना जवँगा

भर दो झोली आका
भर दो झोली हम सब
भर दो झोली नबी
भर दो झोली मेरी
लौट कर मई ना जवँगा

दूं दूं अली अली दूं अली
दूं अली अली दूं अली