तेरे दरबार में
दिल थाम के वो आता
जिसको तू हे नबी तू बुलाता
तेरे दर पे सर
मैं भी आया
जिसकी बिगड़ी हाए नबी तू चाहे बनता
भर दो झोली मेरी या
लौट कर मई ना जवँगा खाली
बंद दीडों में भर डाले
सील दिए मैने दर्डो को दिल में
जब तलाक़ तूह बना दे ना तू
दर से तेरे ना जाए
भर दो झोली मेरी या
लौट कर मई ना जवँगा
भर दो झोली आका
भर दो झोली हम सब
भर दो झोली नबी
भर दो झोली मेरी
लौट कर मैं ना जवँगा
खोजते खोजते तुझको
क्या से या नबी हो गया
बेख़बर फिर रहा
मैं यहाँ से वहाँ हो गया हूँ
दे दे या नबी मेरे दिल को
आया हूँ डोर से मई होके रुहासा
कर दे करम मुझपे भी ज़रा
जब तलाक़ तू जब तलाक़
पनाह दे ना दिल
दर से तेरे ना जाए
भर दो झोली मेरी या
लौट कर मई ना जवँगा
भर दो झोली मेरी
लौट कर मैं ना जवँगा
भर दो झोली मेरी या
लौट कर मैं ना जवँगा
जानता है ना तू क्या है दिल में
बिीन सुने गिन रहा है ना तूह धड़कने
आ निकली है तो चाँद तक
तेरे तारों से मेरी दुआ आएगी
आए नबी हन कभी तो सुबह
जब तलाक़ तू सुनेगा ना दिल
दर से तेरे ना जाए
भर दो झोली मेरी या
लौट कर मैं ना जवँगा
दे तरस खा तरस मुझपे
एब्ब लगा ले तूह मुझको भी दिल से
जब तलाक़ तू मिला दे ना
दर्र से तेरे ना जाए
भर दो झोली मेरी या
लौट कर मई ना जवँगा
भर दो झोली आका
भर दो झोली हम सब
भर दो झोली नबी
भर दो झोली मेरी
लौट कर मई ना जवँगा
दूं दूं अली अली दूं अली
दूं अली अली दूं अली